आज सुबह से ही अर्पित बहुत खुश था। क्योंकि आज उसनें अजीता को प्रपोज किया था। हॉलांकि उसका जबाब अभी आया नही था। लेकिन अजीता के हॉव भाव ने...
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इश्क दा रंग
मॉ मै आज देर से आउंगा। जूते के फीते बॉधते हुये करन ने अपनी मॉ से कहा। मॉ ने कहा खाना खाते हुये जा। तो करन ने कहा कि आकर खा लूगा या वहीं खा...
झूठा प्यार
उस अंधेरी कोठरी में अब उस काम वाली बाई के अलावा कोई कभी कभार ही आता था। कृष्णनारायण अकेला ही उस कोठरी में रहता था। वो बूढा हो चुका था। उस...